मेरे जन्‍मदिन को हंसीदिवस के रूप में मनायें , खूब खिलकर खिलखिलायें

हंसना ही जिंदगी है

हंसाना ही वंदगी है

वही तो कर रहा हूं

हंस कर, हंसा कर

सबके दांत मुंह से

बाहर कर रहा हूं

हंसे हंसाये

खिलें खिलखिलायें

बिना दांतों के भी

हंसी को मुंह में

बंदी न बनायें

वंदना करें हंसी की

पूजा करें हंसी की

रचना करें हंसी की

सरंचना करें हंसी की

हंसी जो खुशी है

खुशी सदा हंसी है


अब तक जिन्‍होंने दी है जन्‍मदिन पर मेरे शुभकामना, नहीं भी दी है पर लाईन में लगे हैं, बहुत सारे तो अपनी नींद में बेसुध सोये हैं, जागकर देंगे, यह निश्‍चय कर के सोये हैं, सबका नंबर आयेगा, पर मैं तो कुछ काम कर लूं, धन्‍यवाद, शक्रिया, खुशामदीद अपना सबको अर्पण कर दूं।

इसे फेसबुक पर पोस्‍ट कर रहा था, पर उसने मना कर दिया।